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मैनपुरी-आखिर किसने डाली थी भोगांव स्टेट बैंक में डकैती

by morning on | 2025-05-24 16:53:33

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मैनपुरी-आखिर किसने डाली थी भोगांव स्टेट बैंक में डकैती

फोटो परिचय-सांकेतिक तस्वीर।

Morning City

22 साल बाद आया कोर्ट का फैसला, सभी आरोपी बरी


 तीन की हत्या करके 88 लाख रुपए की डाली गई थी डकैती


मैनपुरी। जनपद के 22 साल पुराने बहुचर्चित भोगांव स्टेट बैंक डकैती व तीन लोगों की हत्या के मामले में एडीजे विशेष डकैती जयप्रकाश की अदालत से फैसला आया। पुलिस की खराब विवेचना के कारण अदालत ने संदेह का लाभ देते हुए तीन आरोपियों को बरी कर दिया है। वहीं, एक आरोपी की पूर्व में ही ट्रायल के दौरान मौत हो गई थी। सवाल अब भी खड़ा है कि आखिर बैंक में डकैती किन लोगों ने डाली थी। 88.20 लाख रुपये की लूट और तीन लोगों की हत्या किसने की थी। क्या अब कभी उन तीन मृतकों को इंसाफ मिल पाएगा।
गौरतलव है कि घटना 28 जनवरी 2003 की शाम को हुई थी। भोगांव स्थित भारतीय स्टेट बैंक शाखा का गेट बंद हो चुका था। बैंक के कैशियर आरके गुप्ता निवासी शिकोहाबाद, फिरोजाबाद, एकाउंटेंट एमसी अग्रवाल निवासी कमलानगर आगरा लंबित कार्य को निपटाने के लिए बैंक के अंदर थे। सुरक्षा कर्मी शिवराज सिंह की ड्यूटी रात आठ बजे तक की थी। इसलिए वे भी बैंक के अंदर थे। रात आठ बजे ड्यूटी बदलने के लिए सुरक्षा कर्मी गिरीश दुबे बैंक में पहुंचे तो उन्हें गेट खुला मिला था। अंदर जाकर देखा तो तीनों कर्मचारियों के शव पड़े हुए थे, लॉकर खुला था। फर्श पर खून बिखरा पड़ा था। तीनों कर्मियों की गोली मारकर हत्या की गई थी। 88.20 लाख रुपये को डकैत ले गए थे।

खुलासे में नाकाम होने पर पुलिस ने लगाई थी एफआर
बैंक के सुरक्षाकर्मी गिरीश दुबे की तहरीर पर भोगांव थाने में केस दर्ज हुआ। पुलिस की कई टीमों ने 2005 तक इस मामले में जांच की। मगर, खुलासे में नाकाम होने पर 6 अगस्त 2005 को एफआर लगा दी थी। पुलिस के दावे के अनुसार 20 दिसंबर 2010 को तत्कालीन भोगांव इंस्पेक्टर हरिपाल को सूचना मिली, जिसके आधार पर अम्हेड़ा गांव पहुंचे। वहां अनेक सिंह पुत्र अंतराम के खेत में दबी 2.90 लाख रुपये की रकम को मौके से निकालते हुए अवधेश उर्फ वीटू निवासी चौधरियान, भोगांव, सहरोज आदिल निवासी मोहल्ला हवेली, भोगांव, सतीश निवासी अम्हेड़ा, भोगांव को मौके से गिरफ्तार किया। 2.90 लाख रुपये की इनसे बरामदगी दिखाई।

पुलिस की थ्योरी बचाव पक्ष के सामने नहीं टिक पाई
अवधेश के बयानों के आधार पर पुलिस ने मुकदमे में अकबर कुरैशी, मोहल्ला रसूलाबाद, भोगांव को भी नामजद किया। इन सभी के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई। दावा किया गया कि इन लोगों ने साजिश करते हुए भोगांव एसबीआई शाखा में डकैती डाली थी। बरामद रकम उसी डकैती से संबंधित है। 8 दिसंबर 2015 को आरोपियों के खिलाफ चार्जफ्रेम हुआ। कोर्ट में अभियोजन, बचाव पक्ष की ओर से गवाह व साक्ष्य पेश किए गए। मगर, कोर्ट में पुलिस की थ्योरी बचाव पक्ष की दलीलों के आगे टिक नहीं सकी। पुलिस घटना व उसके बाद माल बरामदगी तक में कोई भी निष्पक्ष गवाह, यानी आम व्यक्ति को गवाह के तौर पर पेश नहीं कर सकी। विवेचना में भी कई खामियां रहीं। इसके चलते कोर्ट ने पुलिस की थ्योरी को नकारते हुए आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।


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