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Agra News:अवैध धर्मांतरण गिरोह का भंडाफोड़, कारोबारी की बेटियों समेत कई युवतियां रेस्क्यू, सरगना समेत 14 गिरफ्तार

by morning on | 2025-07-23 16:03:12

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Agra News:अवैध धर्मांतरण गिरोह का भंडाफोड़, कारोबारी की बेटियों समेत कई युवतियां रेस्क्यू, सरगना समेत 14 गिरफ्तार


कारोबारी की बेटियों समेत कई युवतियां रेस्क्यू, सरगना समेत 14 गिरफ्तार

Morning City

आगरा ताजनगरी में अवैध धर्मांतरण गिरोह का जाल दिनों-दिन गहराता जा रहा है। सदर क्षेत्र के एक प्रतिष्ठित कारोबारी की दो बेटियों के इस गिरोह के चंगुल में फंसने के बाद पुलिस की सक्रियता से न केवल उन्हें रेस्क्यू किया गया, बल्कि अब तक इस गिरोह से जुड़े 14 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। शुरुआती छानबीन में दोनों बहनों को कोलकाता में निगरानी के बीच रखा गया था, जहां से 19 जुलाई को आगरा पुलिस ने उन्हें मुक्त कराया। पूछताछ में यह सामने आया कि दोनों बहनों को प्रेमजाल में फंसाकर उनका धर्म परिवर्तन कराया गया और फिर उन्हें अन्य युवतियों को भी इस जाल में फंसाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था। पुलिस की छानबीन आगे बढ़ी तो इस नेटवर्क की कमान संभाल रहा सरगना अब्दुल रहमान कुरैशी दिल्ली से गिरफ्तार हुआ। उसके घर से भी हरियाणा की एक युवती को मुक्त कराया गया, जिसने खुलासा किया कि उसके साथ जबरन निकाह किया गया था।

हरियाणा की इस पीड़िता ने बताया कि 2024 में उसकी पहचान फेसबुक के माध्यम से जुनैद कुरैशी से हुई, जिसने बाद में उसे अपने प्रभाव में लेकर दिल्ली बुलाया और एक हॉस्टल में रखकर जबरन शादी कर ली, जबकि वह पहले से शादीशुदा था। पुलिस ने जुनैद को भी दिल्ली के दयालपुर इलाके से दबोच लिया। साथ ही, अब्दुल रहमान के दो बेटे अब्दुला और अब्दुल रहीम भी इस अवैध धर्मांतरण गतिविधि में संलिप्त पाए गए और गिरफ्तार किए गए। अब्दुल रहमान मूल रूप से फिरोजाबाद का निवासी है, जो 1990 से पहले महेंद्र पाल सिंह था। बाद में धर्म परिवर्तन कर वह दिल्ली में बस गया और युवतियों को धर्म परिवर्तन के लिए बहलाने-फुसलाने का रैकेट संचालित करने लगा।

कारोबारी की दोनों बेटियों की पुलिस द्वारा गहन काउंसिलिंग की जा रही है। शुरूआती बातचीत में वे इस्लाम के पक्ष में खुलकर बोल रही थीं और अपने मूल धर्म से कोई जुड़ाव नहीं दिखा रही थीं। लेकिन आगरा के पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने जब उनसे खुद मुलाकात कर उन्हें समझाया कि किसी भी धर्म के खिलाफ होने की बात नहीं है, बल्कि अवैध तरीके से धर्मांतरण कराना एक संगठित अपराध है, तब जाकर उनके व्यवहार में बदलाव आने लगा। दोनों ने बुर्का पहनना बंद कर दिया है और स्वीकार किया कि उन्हें वीडियो कॉल के जरिए डराया-धमकाया जाता था। उन्हें अन्य लड़कियों से बातचीत कराकर कहा जाता था कि धर्म परिवर्तन के फायदे ही बताने हैं। मोबाइल भी उनसे छीन लिया गया था और हर गतिविधि पर सीसीटीवी से निगरानी रखी जाती थी।

काउंसलिंग के दौरान उनकी उनके पिता से एकांत में मुलाकात कराई गई, जिसमें पिता ने भावुक होकर कहा कि अगर उनसे कोई गलती हुई है तो वह उन्हें माफ करते हैं, लेकिन गिरोह के चंगुल में फंसे रहना भविष्य के लिए खतरनाक हो सकता है। फिलहाल पुलिस इस गिरोह की जड़ों तक पहुंचने के लिए जांच में जुटी है, क्योंकि यह मामला केवल आगरा तक सीमित नहीं, बल्कि देश के अन्य हिस्सों तक फैले एक गहरे नेटवर्क की ओर इशारा करता है।

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