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Agra News:134 मीटर पर पहुंची चंबल, उमरैठा पुरा गांव में घुसा बाढ़ का पानी, ग्रामीणों ने किया पलायन, टीले पर ताने तंबू

by morning on | 2025-07-31 14:52:53

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Agra News:134 मीटर पर पहुंची चंबल, उमरैठा पुरा गांव में घुसा बाढ़ का पानी, ग्रामीणों ने किया पलायन, टीले पर ताने तंबू


134 मीटर पर पहुंची चंबल, उमरैठा पुरा गांव में घुसा बाढ़ का पानी, ग्रामीणों ने किया पलायन, टीले पर ताने तंबू


Morning City

पिनाहटमध्य प्रदेश व राजस्थान में पिछले एक सप्ताह से हो रही मूसलाधार बारिश व कोटा बैराज से चंबल नदी में भारी मात्रा पानी 2 लाख 90 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद चंबल नदी में भयंकर बाढ़ आ गयी है।चंबल नदी ने खतरे के निशान को पार कर रौद्र रूप धारण कर लिया है।चंबल नदी में भयंकर बाढ़ आने के चलते चंबल नदी के किनारे के एक दर्जन गांव बाढ़ से घिर गये है।पिनाहट ब्लॉक क्षेत्र के गांव उमरैठा पुरा गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है।एक दर्जन मकान डूब चुके हैं। ग्रामीणों ने जरूरत के सामान व अपने मवेशियों के साथ ऊंचे टीलों की ओर पलायन शुरू कर दिया है।प्रशासनिक अधिकारियो ने बाढ़ में घिरे ग्रामीणों को सुरक्षित निकालने के लिए एसडीआरएफ और पीएसी की टीम लगी दी है।जो बाढ़ में घिरे ग्रामीणों को सुरक्षित निकालने में जुटी हुई है।

उमरैठा पुरा गांव में घुसा बाढ़ का पानी, एक दर्जन मकान डूबे
चंबल नदी में भयंकर बाढ़ आने के चलते बाढ़ का पानी उमरैठा पुरा गांव में घुस चुका है।पिनाहट ब्लॉक क्षेत्र के अंतर्गत उमरैठा पुरा गांव के नीचे के करीब एक दर्जन मकान चंबल नदी में आई बाढ़ के चलते डूब चुके हैं ग्रामीणों ने अपने जरूरत के सामान को ट्रैक्टर ट्राली में भरकर ऊंचे टीलों पर पहुंच गये है। अपने मवेशियों परिवार के साथ खुले आसमान के नीचे टीलों पर रह रहे हैं।

प्रशासन द्वारा बाढ़ से बेघर हुए ग्रामीणों के लिए नहीं की गई तंबू की व्यवस्था
चंबल नदी में आई बाढ़ के चलते उमरथ पूरा गांव के करीब एक दर्जन मकान चंबल नदी में आई बाढ़ में डूब चुकी है ग्रामीण बेघर हो गए हैं ग्रामीण अपने जरूरत के समान को लेकर 1 किलोमीटर दूर टीले पर पहुंच चुके हैं लेकिन प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार के टेंट या तंबू की व्यवस्था नहीं की गई है ग्रामीणों को मयूर्ण अपने जरूरत के खाने पीने के समान के साथ खुले आसमान के नीचे रहना पड़ रहा है मूसलाधार रुक रुक कम मूसलाधार बारिश हो रही है जिससे समान भीग रहा है नुकसान हो रहा है आटा चावल राशन सब दिनकर खराब हो रहे हैं जिससे ग्रामीण परेशान है ग्रामीणों का आरोप है जब प्रशासनिक अधिकारियों ने उनके लिए अभी तक ना तो तंबू की व्यवस्था की है।

 बेघर हुए परिवारों के लिए नहीं पहुंचाई गई खाद्यान्न व राष्ट्र सामग्री 
उमरेठ पूरा गांव में आई बाढ़ के चलते एक दर्जन से अधिक मकान डूब चुकी है ग्रामीण बेघर हो गए हैं लेकिन जिसके चलते ग्रामीण अपने पशु गुस्सा अनाज का जरूरत को सामान को ट्रैक्टर ट्राली में भरकर धोने लगे हैं सुबह से लेकर शाम तक सामान ढोने में सामान लाने ले जाने में ही समय निकल गया सुबह से लेकर शाम तक खाना बनाने की कोई व्यवस्था नहीं बीच-बीच में बारिश होती रही जिसके चलते खाना नहीं बन सका। ग्रामीणों का आरोप है कि बच्चे भूख प्यास से बिलख रही है प्रशासनिक अधिकारियों ने खाद्यान्न सामग्री व राहत सामग्री किस प्रकार की व्यवस्था नहीं की है 

गुढ़ा,गोहरा, झरनापुरा और रेहा में लगाई गई  एसडीआरएफ की टीम 
पिनाहट चंबल नदी में भयंकर बाढ़ आने के चलते चंबल नदी के किनारे के करीब एक दर्जन गांव चंबल नदी में आई भयंकर बाढ़ के चलते चंबल के बाढ़ के पानी में घिर गये है। और संपर्क मार्ग में बाढ़ का पानी भर गया है। जिसके चलते एक दर्जन गांव का बाह तहसील मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। लोग अपने-अपने गांव में कैद हो गये है। जरूरत के समान के लेने के लिए बाजार तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।बीमार होने पर भी इलाज नहीं मिल पा रहा है।लोगों को बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इसके लिए प्रशासनिक अधिकारियों ने बाढ़ में घिरे ग्रामीणों को निकालने व जरूरत का सामान पहुंचाने के लिए एसडीआरएफ की टीम बुलानी पडी है।तीन एसडीआरएफ की टीम को गुढ़ा, गोहर और रेहा में तैनात किया गया है।एक मोटर वोट झरना पुरा गांव में तैनात की गयी है।

मवेशिया के साथ ऊंचे टीलों पर जमाया डेरा 
चंबल नदी के लगातार बढ़ रहे जलस्तर व भयंकर बाढ़ आने के चलते चंबल नदी में आयीं बाढ़ में घिरे 12 गांव के ग्रामीण ऊंचे टीलों की ओर पलायन कर रहे है।जरूरत के सामान, मवेशियों को लेकर परिवार के साथ ऊंचे टीलों की ओर पहुंच गए हैं। ऊंचे टीलों पर ही तिरपाल तानकर अपना आशियाना बना लिया है।वहीं पर अपने खाने-पीने का सामान ले गए हैं। और खुले आसमान के नीचे अपना खाना बना रहे हैं।

बाढ़ के पानी में घिरे 12 गांव की विद्युत सप्लाई ठप 
चंबल नदी में आई बाढ़ के चलते विद्युत पोल डूब चुके हैं।जिसके चलते प्रशासनिक अधिकारियों ने बाढ़ में डूबे में घिरे 12 गांव की विद्युत सप्लाई रोक दी गई है। पानी लगातार तेजी के साथ बढ़ रहा है कोई हादसा ना हो इसके लिए प्रशासनिक अधिकारियों ने विद्युत सप्लाई बंद कर दी है।

घरों की चौखट तक पहुंचा बाढ़ का पानी,जंगली जीव जंतुओं का बड़ा खतरा 
चंबल नदी में आई भयंकर बाढ़ के चलते बाढ़ का पानी संपर्क मार्गों के साथ-साथ घरों की चौखट तक पहुंचना शुरू हो गया है।जिसके चलते चंबल नदी में रहने वाले जंगली जीव मगरमच्छ,घड़ियाल के साथ-साथ जहरीले सर्प भी पहुंचना शुरू हो गए हैं।जिसके चलते ग्रामीणों के लिए खतरा बढ़ गया है।ग्रामीण अपने आप को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। रात्रि के समय में अंधेरा रहेगा। अंधेरा होने के चलते कभी भी कोई भी सर्प काट सकता है। और चंबल के तेज बहाव में संपर्क मार्गों के रास्ते मगरमच्छ और घड़ियाल हिंसक होकर हमलावर हो सकते हैं।

चंबल नदी के 38 गांव में हाई अलर्ट जारी,एक दर्जन गांव बाढ़ में घिरे 
मंगलवार शाम पांच करीब 5 बजे चंबल नदी का जलस्तर 127 मीटर पर था जो बुधवार सुबह तेज तूफान व तेज रफ्तार के साथ बढ़कर 129 मीटर पर पहुंच गया। वहीं बुधवार शाम करीब 7 बजे चंबल नदी का जल स्तर 131.9 मीटर पर पहुंचने से प्रशासनिक अधिकारियों ने चंबल नदी के 38 फरवरी गांव में हाई अलर्ट जारी कर दिया है।वहीं बाह के आठ गांव गुढ़ा, गोहरा,रानी पुरा,भटपुरा,भगवान पुरा और झरनापुरा और पिनाहट ब्लॉक के उमरैठापुरा,कछियारा,रेहा,डंगोरा,पि नाहट के सम्पर्क मार्गों में चंबल की बाढ़ का पानी भरने से इन गांवों का तहसील मुख्यालय से सम्पर्क टूट गया है। इसके अलावा चंबल किनारे बसे करीब 38 गांवों में चंबल के उफान को देखते हुए ग्रामीणों में दहशत का माहौल बना हुआ है।

चंबल नदी में आयी भयंकर बाढ़ से ये गांव हुई प्रभावित
चंबल की बाढ से गुढ़ा, गोहरा,भटपुरा,रानीपुरा,उमरैठा पुरा,डालपुरा, झरना पुरा, रेहा, बरैंडा, कछियारा डोंगरा, सिमराई, क्योरी ऊपरी पुरा, बीच का पुरा,बासोनी, भगवान पुरा समेत करीब 38 गांव प्रभावित हुए है

आठ बाढ़ चोकियां बनाई गयी 
प्रशासन ने बाढ़ के दौरान तटवर्ती गांवों की निगरानी करने और उनको हर संभव‌ मदद पहुंचाने के लिए आठ चौकियां बनाई गई है। जो पिनाहट , बासोनी, मनसुखपुरा, उमरैठा, खेडा राठौर, सिमराई , नंदगंवा , भगवान पुरा में बनाई गयी है। जिन पर लेखपाल और कानूनगो को तैनात किया गया है।‌जो‌ पल पल की रिपोर्ट तहशील मुख्यालय को भेज रहे हैं।

खतरे के निशान को पार कर दो मीटर ऊपर बह रही चंबल नदी 
चंबल नदी का जलस्तर इस समय 127 पर है।‌जो चेतावनी का निशान है।‌खतरे का निशान 130 पर है।चंबल नदी में आयीं बाढ़ खतरे के‌ निशान को पार करते ही चंबल किनारे के सभी गांवों को चारों ओर घेर लिया है। 2022 में चंबल का जलस्तर 137.6 पर पहुंचने से ये गांव जल मग्न हो गये थे। अब चंबल नदी 2022 को रिकॉर्ड को तोड़ने को बेताब है।

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