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Mainpuri News:फर्जी डिग्रीधारक का मैनपुरी में चल रहा था अल्ट्रासाउंड सेंटर

by morning on | 2025-08-05 15:59:50 Last Updated by morning on2025-10-09 03:19:02

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Mainpuri News:फर्जी डिग्रीधारक का मैनपुरी में चल रहा था अल्ट्रासाउंड सेंटर

फोटो परिचय-पुलिस की कस्टडी में फर्जी डिग्रीधारक सुभाष चंद्र।


- आरोपी ने मैनपुरी के स्वास्थ्य विभाग पर लगाएं गंभीर इल्जाम

- दो साल से मैनपुरी के स्वास्थ्य विभाग का विवादो से हो गया नाता

Morning City

मैनपुरी शहर के कचहरी रोड पर एमबीबीएस की फर्जी डिग्री के सहारे लंबे समय तक अल्ट्रासाउंड सेंटर चला रहे एक तथाकथित रेडियोलॉजिस्ट सुभाष को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। आरोपी ने अपनी गिरफ्तारी के बाद स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिससे इस पूरे मामले में एक नया मोड़ आ गया है।

कोतवाली सदर क्षेत्र में कचहरी रोड स्थित जिला अस्पताल के सामने राज अल्ट्रासाउंड सेंटर में तैनात रेडियोलॉजिस्ट सुभाष चंद्र निवासी बुढाना, शामली के अभिलेखों की जब स्वास्थ्य विभाग ने जांच की तो चौंकाने वाला सच सामने आया। उसके पास मौजूद एमबीबीएस की डिग्री और रजिस्ट्रेशन नंबर पूरी तरह से फर्जी पाए गए। विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सुभाष के खिलाफ सदर कोतवाली में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया। मंगलवार को पुलिस ने उसे जेल भेज दिया।

आरोपी का कहना फर्जीवाड़े में सहयोगी है स्वास्थ्य विभाग
पुलिस ने जब सुभाष को गिरफ्तार कर जेल भेजा तो उसने रोते हुए कहा कि वह इस धोखाधड़ी में अकेला नहीं है। उसने बताया कि फर्जी डिग्री हासिल करने में उसने लाखों रुपये खर्च किए और एक साल से अधिक समय तक वह अल्ट्रासाउंड सेंटर पर काम करता रहा, जिसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को भी थी। उसने आरोप लगाया कि विभाग में ही ऐसे लोग मौजूद हैं जो गलत कामों में सहयोग करते हैं। उन्होंने ही जानबूझकर उसके कागजातों की जांच को लंबे समय तक लटकाए रखा। सुभाष ने मांग की कि ऐसे अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।

अब डॉक्टरों की डिग्री का होगा सत्यापन
फर्जी डिग्री से डॉक्टर बनकर पंजीकरण कराने का मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग सक्रिय हो गया है। सीएमओ ने जिले में संचालित सभी निजी क्लीनिक, अस्पताल और अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर तैनात डॉक्टरों की डिग्री की जांच के आदेश दिए हैं। अस्पतालों के नवीनीकरण और पंजीकरण से पहले डॉक्टरों के चिकित्सकीय अभिलेखों की जांच अनिवार्य होगी। जिले में 130 निजी क्लीनिक, अस्पताल और पैथोलॉजी संचालित हो रहे हैं। इनमें करीब 80 पर बाहरी जनपद के डॉक्टरों के नाम से पंजीकरण कराया गया है। इन डॉक्टरों की डिग्री असली है कि नहीं इसका अभी तक किसी को पता नहीं है। विभाग ने नवीनीकरण और पंजीकरण के समय इनके चिकित्सकीय अभिलेखों की जांच नहीं कराई है।

क्या बोले सीएमओ मैनपुरी
सीएमओ डॉ. आरसी गुप्ता का कहना है कि शिकायत पर कराई गई जांच में जनपद शामली निवासी डॉ. सुभाष चंद्र के शैक्षिक अभिलेख फर्जी पाए गए। इस मामले के बाद स्वास्थ्य विभाग चौकन्ना हो गया। विभाग का मानना है कि कुछ और भी डॉक्टर इस प्रकार को हो सकते हैं। ऐसे में विभाग ने सभी के चिकित्सा शिक्षा संबंधी अभिलेखों की जांच करा कराने का निर्णय लिया है। सीएमओ ने नोडल अधिकारी सुरेंद्र सिंह को निर्देश दिए हैं कि क्लीनिक, अस्पतालों और पैथोलॉजी के नवीनीकरण से पहले यहां के डॉक्टरों के चिकित्सा शिक्षा संबंधी अभिलेखों और पंजीकरण की जांच अवश्य करा लें।


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