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Agra News: यमुना ने मचाया हाहाकार: ताजमहल तक पहुंचा पानी, 50 कॉलोनियां डूबीं, बाढ़ की चपेट में एक लाख से अधिक आबादी

by morning on | 2025-09-08 17:17:16

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Agra News: यमुना ने मचाया हाहाकार: ताजमहल तक पहुंचा पानी, 50 कॉलोनियां डूबीं, बाढ़ की चपेट में एक लाख से अधिक आबादी


यमुना ने मचाया हाहाकार: ताजमहल तक पहुंचा पानी, 50 कॉलोनियां डूबीं, बाढ़ की चपेट में एक लाख से अधिक आबादी

Morning City

आगरा यमुना नदी का रौद्र रूप ताजनगरी में हाहाकार मचा रहा है। नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने से 47 साल पुरानी भयावह तस्वीर एक बार फिर सामने आ गई है। रविवार शाम सात बजे वाटर वर्क्स पर यमुना का जलस्तर 500.3 फीट दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान से 1.3 फीट ऊपर है। यह स्तर 1978 के बाद सर्वाधिक है, जब यमुना 508 फीट तक पहुंच गई थी। 2010 में 499.6 फीट और 2023 में 499.3 फीट जलस्तर दर्ज हुआ था, लेकिन इस बार स्थिति और गंभीर होती जा रही है। शहर से लेकर देहात तक बाढ़ का कहर है। दयालबाग से जीवनी मंडी और यमुना पार टेढ़ी बगिया से कछपुरा तक करीब 50 कॉलोनियां जलमग्न हो गई हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत-बचाव में जुटी हैं। सदर, एत्मादपुर, फतेहाबाद और बाह तहसील क्षेत्र के 60 से अधिक गांव भी बाढ़ की चपेट में हैं। प्रशासन ने सायरन और मुनादी कराकर निचले इलाकों को खाली कराया है।

दयालबाग स्थित अमर विहार में राजश्री अपार्टमेंट पूरी तरह डूब गया है। नालंदा टाउन, विकास अपार्टमेंट और खासपुर का मां गौरी टाउन जलमग्न हैं। जगनपुर, सिकंदरपुर, मनोहरपुर और नगला तल्फी की सड़कें नदी में बदल गई हैं। बल्केश्वर क्षेत्र के अनुराग नगर और लोहिया नगर में घरों में पानी घुस गया है। रामबाग बस्ती के 50 परिवार विस्थापित होकर गांधी स्मारक के पास राहत शिविर में शरण लिए हुए हैं। मोती महल में 250 परिवार प्रभावित हैं। यहां कैलाश मंदिर के गर्भगृह में पानी भर गया है और आसपास के 15 मकान भी डूब चुके हैं। ताजगंज स्थित मोक्षधाम पूरी तरह पानी में डूब गया है। विद्युत शवदाह गृह के पास तक पानी पहुंच गया है और महज कुछ इंच की दूरी पर है। यदि जलस्तर और बढ़ा तो शवदाह गृह को बंद करना पड़ेगा। पोइया घाट मोक्षधाम में चार फीट पानी भरा है, जिससे दाह संस्कार में लोगों को भारी दिक्कत हो रही है।

यमुना किनारे स्थित संरक्षित स्मारक भी बाढ़ की जद में आ गए हैं। 47 साल बाद ताजमहल की पिछली दीवार तक यमुना का पानी पहुंच गया है। दशहरा घाट और ताज व्यू प्वाइंट जलमग्न हो गए हैं, जबकि महताब बाग तालाब में बदल चुका है। एत्माउद्दौला स्मारक के नदी किनारे बने 12 कमरों में सात फीट तक पानी भर गया है। ग्यारह सीढ़ी स्मारक की दीवार तक पानी पहुंच चुका है और जोहरा बाग पूरी तरह डूब गया है। रामबाग समेत अन्य ऐतिहासिक स्थलों में सीलन आने का खतरा मंडराने लगा है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष की रिपोर्ट ने स्थिति को और चिंताजनक बना दिया है। मथुरा स्थित गोकुल बैराज से रविवार शाम 1.56 लाख क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा गया है। सभी गेट खुले हैं और यह पानी अगले दो दिन में आगरा पहुंचेगा। इसके अलावा ओखला बैराज से 1.09 लाख क्यूसेक और हथिनीकुंड से 55 हजार क्यूसेक पानी यमुना में छोड़ा जा रहा है। इससे साफ है कि मंगलवार तक जलस्तर और बढ़ेगा।

प्रशासन ने लोगों को जागरूक करने और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए व्यापक अभियान शुरू किया है। शहर में 17 बाढ़ राहत शिविर बनाए गए हैं, जिनमें करीब पांच हजार लोगों को ठहराने की व्यवस्था की गई है। हालांकि अभी तक जनहानि की कोई खबर नहीं है, लेकिन हालात गंभीर बने हुए हैं। आगरा में यमुना की यह बाढ़ न केवल आमजन के जीवन को अस्त-व्यस्त कर रही है बल्कि ऐतिहासिक धरोहरों और धार्मिक स्थलों के लिए भी बड़ा खतरा बन गई है। लोग चिंतित हैं कि अगर पानी इसी तरह बढ़ता रहा तो शहर में आपदा जैसी स्थिति बन सकती है।

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